मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना का लाभ कैसे मिलेगा |मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना फॉर्म ऑनलाइन कैसे भरे | आवेदन कैसे करें (मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना) | Mukhyamantri Krishak Mitra Yojana Form Online Apply | MP me DP Anudan
राज्य शासन द्वारा प्रदेश में कृषक कृषकों के समूह को स्थायी कृषि पंप कनेक्शन प्रदान करने हेतु “मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना” का अनुमोदन प्रदान किया गया है।
उपरोक्त योजना 2 वर्षों तक प्रभावशील रहेगी। प्रथम वर्ष में योजना को अधिकतम 40,000 पम्पों तक सीमित रखा जायेगा तथा यह लक्ष्य पूर्ण होने के उपरांत सभी पहलुओं पर विचार कर राज्य शासन द्वारा आगामी कार्यवाही की जायेगी। योजना के कियान्वयन हेतु दिशा-निर्देश / संशोधन एवं स्पष्टीकरण जारी करने हेतु ऊर्जा विभाग को अधिकृत किया गया है।
निर्देशानुसार, उपरोक्त योजना के शीघ्र क्रियान्वयन हेतु समस्त आवश्यक कार्यवाही किये जाने एवं मासिक प्रगति की जानकारी नियमित रूप से विभाग को उपलब्ध कराये जाने का कृपया अनुरोध है।
मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना का लाभ कैसे मिलेगा ? |Transfamer Subsidy Scheme MP | MP CM Krishak Mitra Yojna का उद्देश्य
मध्य प्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता के अनुसार स्थायी पंप कनेक्शन में लगने वाली सम्पूर्ण राशि का भुगतान उपभोक्ता को करना होता है। राज्य शासन द्वारा कृषि कार्य हेतु पंप कनेक्शन स्थायी रूप से दिए जाने एवं अस्थायी कृषि पंप कनेक्शनों को स्थायी पंप कनेक्शनों में परिवर्तित करने हेतु 6 दिसम्बर, 206 से “मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना” लागू की गई थी जिसकी अवधि वर्ष 209 को समाप्त हो गई थी। वर्तमान में कृषकों को स्थायी सिंचाई पंप कनेक्शन दिये जाने हेतु “स्वयं का ट्रांसफार्मर (ओवायटी)“ योजना ल्रागू है जिसके अंतर्गत कृषक अपने व्यय से, निर्धारित मापदंड के अनुसार वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित कर सकते हैं।
किसानों को सौर ऊर्जा आधारित कृषि पंप त्रगाने हेतु वर्तमान में केंद्र सरकार की “कुसुम-बी योजना” भी लागू है जिसके अंतर्गत कृषक द्वारा सौर ऊर्जा आधारित कृषि पंप लगाने पर 30 प्रतिशत राशि भारत सरकार एवं 30 प्रतिशत राशि राज्य शासन द्वारा अनुदान दिया जाता है एवं शेष भाग कृषक द्वारा वहन किया जाता है। यह योजना नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग, म.प्र. शासन द्वारा क्रियान्वित की जा रही है।
वर्तमान में, अस्थायी पंप कनेक्शन लेने वाले कृषकों में अधिक संख्या अनुसूचित जाति जनजाति तथा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले कहती की है जो अपनी आर्थिक स्थिति अथवा अपने पंप की वर्तमान अधोसंरचना से दूरी होने की वजह से वर्तमान योजनाओं के प्रावधानों के अनुसार कनेक्शन हेतु राशि जमा कराने या स्वयं ल्राइन विस्तार कार्य करवाने में सक्षम नहीं है। राज्य शासन के समक्ष भी समय-समय पर स्थायी कृषि पंप प्रदान करने हेतु मांग आती रही है। उपभोक्ताओं की मांग पर विचार कर, राज्य शासन दूवारा “मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना” के क्रियान्वयन का निर्णय लिया गया है, जिसके अंतर्गत कृषि पंप कनेक्शन हेतु आवश्यक अधोसंरचना निर्माण वितरण कम्पनी द्वारा किया जा कर स्थायी पंप कनेक्शन दिये जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना का योजना का पूरा नाम |Mukhyamantri Krishak Mitra Yojana :-
यह योजना “मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना” कहलाएगी।
मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना योजना की अवधि|Mukhyamantri Krishak Mitra Yojana :-
यह योजना इस आदेश के जारी होने की तिथि से आरम्भ होगी तथा इस योजना की अवधि आरम्भ तिथि से 2 वर्ष तक होगी। राज्य शासन द्वारा आवश्यकता होने पर योजना की अवधि में वृद्धि की जा सकेगी।
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Mukhyamantri Krishak Mitra Yojana|मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना का स्वरूप :-
(1) यह योजना सम्पूर्ण मध्य प्रदेश में तीनों विद्युत् वितरण कंपनियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में लागू की जाएगी।
(2) यह योजना प्रदेश में नए स्थायी कृषि पंप कनेक्शन हेतु ल्रागू होगी, साथ ही अस्थायी पंप कनेक्शनों को स्थायी पंप कनेक्शनों में परिवर्तित करने के लिए भी लागू होगी।
(3) योजनान्तर्गत स्थायी पंप कनेक्शन हेतु आवेदन करने वाले कृषकों /कृषक समूह को आवश्यक अधोसंरचना का विकास कर आवेदन व राशि जमा करने के अनुसार वितरण केन्द्रवार कार्य सम्पादित कर स्थायी कनेक्शन दिए जायेंगे।
(4) योजनान्तर्गत केवल्र ऐसे कृषकों को पात्र माना जायेगा जो 3 हार्सपावर या उससे अधिक क्षमता के स्थायी पंप कनेक्शन लेना चाहते हैं।
(5) योजनान्तर्गत कृषकों को न्यूनतम 3 हार्सपावर एवं उससे अधिक क्षमता के कृषि पंप कनेक्शन हेतु आवश्यक अधोसंरचना का निर्माण तथा वर्तमान अधोसंरचना में क्षमतावृद्धि एवं नवीयन (रैनोवेशन) का कार्य विद्युत् वितरण कंपनी द्वारा किया जायेगा।
(6) कनेक्शन प्रदाय के लिए वर्तमान में विद्यमान अधोसंरचना से 200 मीटर की अधिकतम दूरी तक 11केव्ही लाईन विस्तार कार्य एवं वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य वितरण कंपनी द्वारा कराया जायेगा। पंप कनेक्शन तक निम्नदाब लाईन विस्तार कार्य एबी केबल के माध्यम से सुरक्षा एवं तकनीकी मापदण्डों के अनुसार किया जायेगा।
(7) योजना अंतर्गत कृषक / कृषक समूह को कनेक्शन प्रदाय करने के लिये आवश्यक अधोसंरचना निर्माण वर्तमान अधोसंरचना में क्षमता वृद्धि एवं नवीन कार्य हेतु प्राककलन राशि में से 50 प्रतिशत कृषक अथवा कृषक समूह द्वारा, 40 प्रतिशत राज्य शासन द्वारा अनुदान के रूप में तथा 0 प्रतिशत संबंधित वितरण कंपनी द्वारा वहन किया जायेगा।
(8) प्राककलन राशि अमुपातिक रूप से कृषक / कृषक समूह एवं राज्य शासन द्वारा देय होगी।
(9) वितरण ट्रांसफार्मर एवं 11 kv लाइन के उपयोग हेतु AAAC रैबिट कंडक्टर (अधिकतम स्पेन 70 मीटर) तथा सामान्यतः 8 मीटर पी.सी.सी. पोल का उपयोग किया जायेगा। कृषकों के आवेदन के आधार पर आवश्यक प्राककलन वितरण कंपनियाँ द्वारा प्रचलित एसओआर (SOR) के अनुसार बनाया जावेगा l
(10) योजनान्तर्गत कनेक्शन प्रदान करने हेतु सामान्यतः 25 KVA का वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किया जायेगा। कृषि कृषक समूह से आवेदन प्राप्त होने पर पम्पों की क्षमता के इृष्टिगत अधिकतम 63 KVA के वितरण ट्रांसफॉर्मर की अनुमति होगी। किन्तु 63 KVA से अधिक क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर किसी भी स्थिति मेँ स्थापित नहीं किये जायेंगे।
(11) दूरस्थ इलाकों में जहाँ विद्युत् अधोसंरचना निर्माण की लागत अपेक्षाकृत अधिक है अथवा वन के कारण विदयुत् लाइन खींचना साध्य नहीं है वहां कृषकों को केंद्र सरकार की “कुसुम-बी योजना” अंतर्गत सौर पंप लगाए जाने हेतु प्रेरित किया जाएगा।
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Mukhyamantri Krishak Mitra Yojana Online Apply | मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना की आवेदन प्रक्रिया:
(1)योजना अंतर्गत ऑनलाइन प्रक्रिया से आवेदन प्राप्त किए जाएंगे।
(2)कृषकों द्वारा स्थायी नवीन पंप कनेक्शन हेतु प्राक्कलन राशि के 50 प्रतिशत राशि के अतिरिक्त नियामक आयोग द्वारा निर्धारित विद्युत कनेक्शन चार्ज तथा सुरक्षा निधि के रूप में अतिरिक्त राशि जमा करनी होगी।
(3) प्राप्त आवेदनों पर कनेक्शन प्रदान करने की कार्यवाही प्राथमिकता क्रम के आधार पर की जाएगी। योजना का कार्य कृषकों दूवारा जमा की गई राशि की वरीयता के आधार पर किया जायेगा। गाँवों के कल्स्टर या एक गाँव को इकाई मानकर यथासंभव, जिस कृषक द्वारा पहले राशि जमा कराई जाएगी उसका कार्य पहले किया जायेगा।
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मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना का क्रियान्वयन:
(1) योजनान्तर्गत स्थायी कृषि पंप कनेक्शन हेतु आवश्यक अधोसंरचना का निर्माण तथा वर्तमान अधोसंरचना में क्षमतावृद्धि एवं नवीयन (रेनोवेशन) का कार्य विद्युत् वितरण कंपनी द्वारा सम्पादित किया जायेगा। कार्य संपादन डिपार्टमेंटल आधार पर कराया जाएगा। इस व्यवस्था के अंतर्गत सम्पूर्ण सामग्री वितरण कंपनियों द्वारा उपार्जित करके पूर्व निर्धारित दरों पर लेबर कॉन्ट्रेक्ट के माध्यम से कार्य सम्पादित किये जावेंगे।
(2) 11 केव्ही लाईन एवं वितरण ट्रांसफार्मर का समस्त संधारण कार्य वितरण कंपनियों दवारा किया जावेगा। ट्रांसफार्मर फेल होने की स्थिति में उसे बदलने का कार्य भी वितरण कंपनी द्वारा किया जावेगा।
(3) वितरण कंपनी दवारा ट्रांसफार्मर फेल होने की सूचना दिए जाने हेतु एकीकृत कॉल सेंटर 1912 की व्यवस्था की गई है। अत: योजनांतर्गत लगाये गये ट्रांसफार्मरों के फेल होने पर कृषक द्वारा इसकी सूचना 1912 पर दर्ज कराई जावेगी।
मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना की निर्धारित समय सीमा:
इस योजना के अंतर्गत समय-सीमा निम्नानुसार निर्धारित की जाती है। कार्य सुविधा की दृष्टि से आवेदन निर्धारित समय-सीमा में लिए जा सकेंगे।
(1) कृषक द्वारा आवेदन प्रस्तुत करने के बाद जीआईएस सर्वे के आधार पर प्राक्लन स्वीकृत कर आवश्यक डिमांड नोट जारी करना – 30 दिवस में।
(2) डिमांड नोट के अनुसार कृषक द्वारा राशि जमा कराने की समयावधि – 30 दिवस में (समयावधि में आवश्यक राशि जमा न कराये जाने की स्थिति आवेदन स्वत: निरस्त हो जायेगा)।
(3) कृषक द्वारा राशि जमा करने के बाद कार्य पूर्ण करने का समय – छ: माह (अधिकतम)।
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मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना के अन्य प्रावधान:
(1)एक ही व्यक्ति की अलग अल्नग स्थानों पर भूमि होने पर उन्हें सभी स्थानों पर कनेक्शन इस योजना के अंतर्गत दिए जा सकेंगे, परन्तु एक ही सर्वे नंबर पर एक कृषक को दो कनेक्शन नहीं दिए जायेंगे।
(2)योजना मेँ लाभ लेने हेतु यह आवश्यक होगा कि कृषक पर पूर्व में कोई बकाया राशि नहीं हों।
(3)स्थापित की गई अधोसंरचना से बाद में नए आवेदक को कनेक्शन प्राप्त करने के लिए आवश्यक अधोसंरचना निर्माण / नवीनीकरण / क्षमतावृद्धि के लिए पूर्ण भुगतान आवेदक को वितरण कंपनी में जमा करना होगा।
(4)सभी लाइन विस्तार तथा कृषि कनेक्शन कृषि फीडरों से ही दिए जाएंगे। मिक्सड फीडरों से कनेक्शनों हेतु लाइन विस्तार कार्य करते समय फीडर सेपरेशन के कार्यों के साथ समन्वय बनाकर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्वीकृति फीडर विभक्तिकरण के कार्यों से इलेक्ट्रिकल सेपरेशन के कार्य प्राथमिकता पर पूर्ण किए जाएं जिससे फीडरों के विभ्क्तिकरण की पश्चात कृषि हेतु दिए गए कनेक्शन कृषि फीडरों पर ही रहें।
(5)कृषकों को कनेक्शन देने के लिए लाइन विस्तार की योजना बनाते समय यह ध्यान में रखा जाए कि कम से कम लाइन विस्तार का कार्य करते हुए अधिकतम कृषकों को कनेक्शन दिए जा सके तथा एक स्थान पर यथा संभव एक ही बार मेँ संपूर्ण कार्य संपादित हो जाएँ।
(6) कार्य में आने वाली आर.ओ.डब्ल्यू. एवं अन्य समस्याओं का निराकरण नियत समय में वितरण कंपनी के स्तर पर नहीं होने की स्थिति में जिला प्रशासन, पुलिस एवं अन्य शासकीय विभागों का सहयोग लिया जाएगा। कार्य की प्रगति से समय-समय पर कलेक्टर तथा अन्य जिला स्तरीय एजेंसियों यथा जिला पंचायत को भी अवगत कराया जाएगा।
(7) राज्य शासन के अंशदान की प्राप्ति हेतु संबंधित वितरण कंपनी दूवारा मासिक मांग पत्र ऊर्जा विभाग मध्यप्रदेश शासन को प्रेषित किया जाएगा।
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मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना के लाभ :
(1) इस योजना से स्थाई अधोसंरचना के माध्यम से कृषि पंपों हेतु पूरे वर्ष गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय की जाने से किसानों की संतुष्टि में वृद्धि होगी।
(2) कृषकों को वर्तमान में लागू स्वयं का ट्रांसफार्मर (OYT) योजना की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत ही व्यय करना होगा एवं वितरण ट्रांसफार्मर के रख-रखाव एवं फेल होने की स्थिति में सुधार कार्य / बदलने का व्यय कृषक द्वारा वहन नहीं करना पडेगा।
(3)अधोसंरचना निर्माण मेँ उपयोग किए जाने वाले ट्रांसफार्मर एवं अन्य सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकेगी, जिससे ट्रांसफार्मर फैल होने की दर में कमी आयेगी एवं बेहतर अधोसंरचना से ए.टी. एंड सी. हानियों में कमी होगी।
मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना की मॉनिटरिंग :
इस योजना की नियमित मासिक समीक्षा वितरण कंपनी से संबंधित मुख्य अभियंता करेंगे। प्रबंध संचालक योजना के क्रियान्वयन की अरैमासिक समीक्षा करेंगे तथा मासिक प्रगति प्रतिवेदन राज्य शासन को प्रेषित करेंगे।
मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना के लिए पात्रता
- मध्य प्रदेश का निवासी ही इस योजना का लाभ ले सकेंगे।
- योजना के लिए कृषक एवं कृषकों के ग्रुप को पात्र माना जाएगा।
- किसानों के पास खेती करने के लिए जमीन होनी चाहिए।
योजना के लिए जरुरी दस्तावेज
- आधार कार्ड
- समग्र आई डी
- किसान कार्ड(बही)
- किसान के पास जमीन से संबंधित दस्तावेज(लोकसेवा से प्रमाणित प्रति)
- निवास प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- बैंक खाते का विवरण
- चालू मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
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